वानी

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रियासत मेरे नाम है

                   आर्यन 35

                रियासत मेरे नाम है 

            

अब तक आपने पढ़ा श्लोक जी रंजना जी को तलाक देने से मना कर देते हैं आर्यन अपनी सारी प्रॉपर्टी जीनी के नाम कर देता है और अगर उसे कुछ हो जाए तो उसके परिवार को दिल्ली ले जाए नील से कहता है रणविजय कुछ लोगो को जीनी को दिखाता है जो उसकी कीमत लगाते हैं आर्यन का फोन बजता है तो वो कमरे से बाहर निकल जाता है.......


अब आगे

आर्यन अपनी गाड़ी में बैठता है, और तेज़ रफ्तार में लेकर वहां से निकल जाता है , उसके निकलते ही नील उसके पीछे से किसी को कॉल करता है और कहता है "मिस्टर खन्ना निकल चुके हैं, यहां से मेरा काम खत्म हुआ"

इतना कहकर वो कॉल काट देता है, आर्यन बहुत तेज़ गाड़ी चला रहा था , वो राजस्थान से बाहर एक जंगल में पहुंचता है उसे वहां पहुंचते पहुंचते करीब सुबह के 11 बज चुके थे

वो कार से बाहर आता है और जंगल में आगे की तरफ बढ़ने लगता है, वो ध्यान ही नहीं देता तभी वहां कोई पीछे से उसके सिर पर वार करता है!

आर्यन वहीं बेसुध सा गिर जाता है, उसे बेहोश देख वो आदमी फोन निकालता है और किसी को कॉल करता है "मिस्टर मित्तल जैसा आपने कहा था, मैने उसे बेहोश कर दिया है"

रणविजय एक तिरछी मुस्कान के साथ कहता है "ले आओ यहां , हमारी बहन के पास, और सुनो ज़रा प्यार से जीजू सा हैं भई हमारे"

वो आदमी कुछ और आदमियों की मदद से ,आर्यन को उठा कर ले आता है, और जीनी के कमरे के बगल में उसे बांध दिया जाता है

उसके दोनो हाथों को ऊपर करके बांधा था, और पैरों को भी बेड़ियों से बांध रखा था, एक आदमी उसपर ठंडा पानी डालता है, जिससे आर्यन होश में आ जाता है, उसके सिर में बहुत दर्द हो रहा था

वो अपना सिर पकड़ने की कोशिश करता है , लेकिन उसे एहसास होता है की उसके हाथ बंधे हुए थे, कुछ मिनट लगते हैं उसे पूरे होश में आने में, वो होश में आता है तो उसकी नज़र शीशे के उस पार बंधी हुई जीनी पर जाति है, आज इतने दिनो बाद उसे देख आर्यन को सुकून का एहसास होता है लेकिन जल्दी ही उसे एहसास होता है की, जीनी बेहोश थी,

और उसके हाथ ऊपर करके बंधे हुए थे, आर्यन उसे ऊपर से नीचे तक देखता है , तो जीनी भीगी हुई थी , उसकी साड़ी उसके जिस्म से चिपक गई थी, वो बेहद खूबसूरत लग रही थी, लेकिन उसके होंठ ठंड से सफेद पड़ गए थे

वो बहुत कमज़ोर लग रही थी, आर्यन उसे आवाज़ देता है "जिन" लेकिन जीनी शायद उसकी बात नहीं सुन पा रही थी, आर्यन बहुत कोशिश करता है लेकिन जीनी को उसकी आवाज़ नहीं आती है,

तभी रणधीर अंदर आता है और अपने कान पर हाथ रखते हुए कहता "अरे रे...... जमाई सा थोड़ा धीरे, वो सुने ना सुने आपकी आवाज़ से हम बेहरे जरूर जो जायेंगे"

आर्यन रणधीर को घूरते हुए कहता है "ये ठीक नहीं किया आपने ससुर सा,याद रखिएगा ये वो गलती जिसकी माफी इतनी आसानी से नहीं मिलेगी आपको"

तभी रणविजय अंदर आते हुए कहता है "क्या बात है जीजू सा , अपने से बड़े से ऐसे बात करना आपको शोभा नहीं देता" उसे वहां देख आर्यन बस उसे घूर रहा था, तभी रणविजय उसके सामने एक कागज़ रखते हुए कहता है "देखिए जीजू सा वैसे तो आप उम्र और तजुर्बे दोनो में ही मुझसे छोटे हैं लेकिन क्या है ना हमारे यहां जमाई की बहुत इज्ज़त की जाती है , तो हम नहीं चाहते की हम आपके साथ कोई बुरा सलूक करें"

फिर कागज़ की तरफ इशारा करते हुए कहता है "इस पर साइन कर दीजिए , फिर ले जाइए अपनी पत्नी को यहां से सही सलामत"

आर्यन एक नज़र उसे देखता है , फिर कहता है "किसको पढ़ा रहे हो एम आर, मुझे या खुद को" फिर एक तिरछी मुस्कान के साथ कहता है "शायद तुम भूल रहे हो, ये रियासत हमारे नाम करने का फैसला दादू का था, तो तुमने सोच भी कैसे लिया की हम इसे तुम्हारे नाम करेंगे"

रणविजय गुस्से में उसका कॉलर पकड़ते हुए कहता है "ये रियासत तुम्हारे नहीं जीनी के नाम है, और अब वक्त आ गया है, इसे इसके सही मालिक के हाथों में जाने का"

उसकी बात सुन आर्यन हसने लगता है और हस्ते हुए कहता है "बड़े भोले हो साले साहब, तुम्हे सच में ऐसा लगता है की धर्मवीर जैसे सुलझे हुए आदमी ऐसी गलती करेंगे, अच्छा छोड़ो तुम्हे एक राज़ की बात बताता हूं, ये प्रॉपर्टी ना तुम्हारे नाम है, ना ही जीनी के नाम"

फिर वो एक तिरछी मुस्कान के साथ कहता है , "ये सारी रियासत मेरे नाम है, और ये आज से नहीं, जब मैं 4/5 साल का था तबसे है"

उसकी बात सुन रणविजय उसका कॉलर पकड़ लेता है और गुस्से में उसे घूरते हुए कहता है "क्या बक रहे हो तुम"

आर्यन एक नज़र अपने कॉलर को देखता है, फिर रणविजय को घूरते हुए कहता है "क्या हुआ साले साहब, लगता है आपको अभी कुछ मालूम ही नहीं है , वैसे देखा जाए तो गलती आपकी है भी नहीं , वो क्या है ना ससुर सा ही हरकतें ही ठीक नहीं थी"

रणधीर गुस्से में कहता है "लेकिन वो प्रॉपर्टी तो तुम्हारे और जीनी के होने वाले बच्चे के नाम थी"

आर्यन जीनी को देखते हुए कहता है "ससुर सा , जिसके नाम प्रॉपर्टी है वो उसी का ही है, और ये आज से नहीं जबसे वो इस दुनिया में आई है तबसे ही है, लेकिन ये आपको एहसास नहीं, अपने आग नहीं ज्वालामुखी भड़काई है"

रणविजय कुछ पल खामोश रहता है , फिर जीनी को देखते हुए कहता है "जब ये रियासत तुम्हारे सिवा किसी की हो ही नहीं सकती तो क्यों ना मैं तुम दोनों को ही मार दूं"

उसकी बात सुन आर्यन हंसते हुए कहता है "और तुम्हे लगता है,तुम ये कर सकते हो"

रणविजय मुस्कुराते हुए कहता है "मैं क्या कर सकता हूं, वो तुम्हें मैं आज दिखाता हूं"

रणविजय और रणधीर दोनो वहां से चले जाते हैं "आर्यन बस जीनी को देखे जा रहा था, उसे जीनी का चहरा थोड़ा सुझा हुआ लगता है वो खुद से ही कहता है "कहीं इन लोगो ने उसे छुआ तो नहीं"

तभी जीनी के कमरे में 4 लोग आते हैं, और एक आदमी जीनी के ऊपर ठंडा पानी डाल देता है, जीनी की हालत देख आर्यन की आंखों में खून उतर आता है

वो जीनी को आवाज़ लगता है, लेकिन शायद वो कमरा साउंडप्रूफ था, वो खुद को छुड़ाने की कोशिश भी करता है लेकिन कोई फायदा नहीं, दूसरी तरफ वो लोग जीनी को अपनी गंदी नज़रों से देख रहे थे, आर्यन को सबसे ज़्यादा खुद से नफरत हो रही थी

तभी रणविजय कमरे में आता है, और उसकी रस्सियां खोल देता है, और बीच में लगा शीशे का पार्टीशन भी खोल देता है, शीशा हटते ही,जीनी की नज़रें आर्यन पर पड़ती

आर्यन को वहां देख जीनी सीधी खड़ी हो जाति है, उसके चेहरे पर जो डर था,वो कहीं गायब हो जाता है, वो बस आर्यन को देख रही थी

आर्यन जीनी को देखता है, तो उसकी आंखे नम हो जाति है, जीनी धीरे से कहती है "आरव जी" और उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं

रणविजय दोनो के बीच आता है, और आर्यन को घूरते हुए कहता है, "जब तुम्हारे हाथ रुके रहेंगे तब तक उसके है रुके रहेंगे"

आर्यन की नज़र उस तरफ जाति है, उनमें से एक आदमी ने जीनी की साड़ी का पल्लू पकड़ा हुआ था, लेकिन जीनी बस खामोश खड़ी थी

आर्यन अपनी लाल आंखो से बस उस आदमी के हाथ को देख रहा था, जिसने उसकी जीनी का पल्लू पकड़ा था..........

क्या यहीं खत्म हो जाएगी आर्यन और जीनी की कहानी? क्या बचा पाएगा आर्यन जीनी को? जीनी क्यों खुद को बचाने की कोशिश नहीं कर रही है? नील ने किसको बताया है आर्यन के बारे में? क्या करने की कोशिश कर रहा है नील?

जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी आर्यन इश्क की अनोखी दास्तान बस अब कहानी खत्म होने वाली है, कहानी कैसी लगी आप अपनी राय जरूर दें और क्या आप उसका सेकंड सीज़न भी पढ़ना चाहते हैं, तो मुझे जरूर बताएं मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए टाटा

              वानी 

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4 Comments

Abhilasha Deshpande

04-Jul-2023 07:39 PM

Amazing part

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Babita patel

04-Jul-2023 07:21 PM

Nice

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अदिति झा

20-Jun-2023 06:04 PM

Nice one

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